(a) सरकारें दोआलम सल्लल्लाहो अलयहे वसल्लम का इरशाद है के हंसनेवालेको दस किस्मकी सजा दी जाएगी.
(१) हंसनेवालेका दिल मुर्दा होजाता है.
(२) अल्लाह अज़वजल उससे नाराज़ होता है.
(३) सरकारें दोआलम सल्लल्लाहो अलयहे वसल्लम उससे मुह फेर लेंगे.
(४) रोज़े कयामत उसका हिसाब सख्तीसे लिया जाएगा.
(५) फ़रिश्ते उसपर लानत भेजेगे.
(६) आसमान और ज़मीनवाले उससे नाराज़ होंगे.
(७) ज़यादह हंसनेवालेकी याददास्त कमज़ोर पड़ जाती है.
(८) रोज़े क़यामत उसकी बे-इज़्ज़ती होगी.
(९) उसके चहेरेकी चमक जाती रहेगी.
(१०) शैतान उसकी मज़ाक उड़ाएगा.
(b) सरकारें दोआलम सल्लल्लाहो अलयहे वसल्लम का इरशाद है के कूच लोग ऐसे है जिनकी नमाज़ अल्लाह तआला कुबूल नहीं फरमाता.
(1) जिस शख्स पर ज़कात फ़र्ज़ होनेके बावजूद ज़कात अदा ना करता हो.
(2) ऐसा शख्स इमाम बने जिससे लोग नाराज़ हो.
(3) वोह गुलाम जो भागा हुवा हो.
(4) जो दारु पीने का आदि हो.
(5) ऐसी बीवी जिसका इन्तेकाल हो गाया हो और उसका शोहर उससे खुश नहीं था.
(6) शुदखोर (ब्याज खानेवाला)
(7) ज़ालिम सरदार (आगेवान)
(8) ऐसा शख्स जिसे उसकी नमाज़ बुराई और बे-हयाईसे ना बचाए और रहमतसे दूर रखे.
(9) आज़ाद औरत (जो किसीकी गुलाम न हो) और वोह बगर ओढनी के नमाज़ पढ़े.