१. इन्सान इल्मका बोज़ उठानेके बावजूद खुदको फूल की तरह हल्का महसूस करता है.
२. जिस तरह सबनमसे कुँवा नहीं भरता, इसी तरह हारिस (लालच) से आंखका कासह नेअमतें दुन्यासे नहीं भरता.
३. जो लोग दोलतके साथ मोहब्बत रखते है, दर हकीकत उनको न मौत याद है न अल्लाह अज़वजल पर एतमाद है.
४. बदनके हर अाज़ा (अंग) ज़ुबानकी तेजी और ज़ुबानके बे-मोके चलनेकी शिकायत करते है.
५. जिस इन्सानमे हया होगी उसमे एक ख़ास किस्मकी ज़ीनत पैदा हो जाएगी.
६. हया और ईमान साथ-साथ है, जब एक चीज़ गई तो समजो दूसरी भी गई.
७. एहले जन्नतकी अलामत है सच बोलना. बंदा जब सच बोलता है तो उसने नेकी की. और नेकी करनेवालेको अमन-सुकून मिलता है. और जिसको अमन मिला समज़ो उसे “जन्नत” मिली.
८. यह बात गलत है के बुराई बुराई से रूकती है. बल्कि सच तो यही है के बुराई नेकीसे रूकती है.
९. मौतको जो इन्सान अपने नज़दीक समजे तो समजो वोह इंसान दूरंदेशी है.
- ज़िन्दगीका साज़ बज रहा है और वोह बे-आवाज़ है.
११. सिला रहमीसे बस्तियाँ आबाद रहती है, उम्रमे बरकत और तरक्की हांसिल होती है.
१२. हुस्ने खुल्क और मोआमलात में नरमी बरतनेकी आदत दुन्या और आखेरतकी एक बड़ी नेअमत है.
१३. रास्तेसे इज़ा देनेवाली चीज़ दूर करना बेहतरीन अामालोमेसे एक बताया गया है.
१४. अल्लाह अज़वजल उस अमलको ज़यादह पसंद फ़रमाता है जो हमेशाका हो, ख्वाह वोह अमल थोड़ा ही क्यों न हो.
१५. तुम वोह अमल करो जिसकी तुम ताकत रखते हो. तुम अल्लाह अज़वजलको सवाब देनेसे थका नहीं सकते, हां! तुम ज़यादह अमल करनेसे थक जाओगे.
१७. याद रख! जबसे तू दुन्यामे आया है तेरी नज़रके सामने कितने चलबसे है. उन रफ़्तगोमे तू अपनेकोभी सुमार कर.
१८. ऊँचे गुम्बदवाले महल, बाज़ार, खरीद-व्-फरोख्त, बाहमी अदावत, कोतवाल, पासबान, बंध दरवाज़े… यह सब यादे इलाहीसे गफलतका सबब है, और यह सारे जमलोका सबब मौतको भुलाना है.
१९. सफेद रंग तमाम रंगो पर फ़ज़ीलत रखता है, अलबत्ता बालोमे जलवागर होकर बदतरीन बन जाता है.
२०. जिसकी निय्यत खोटी उसको न रिज़्क़ न रोटी.